Tuesday, 15 August 2017

तीन साल पहले तक हमारी चिन्ता थी - हे भगवान अब और बिगड़े नहीं।
अब सोचते है - सुधार  बहुत धीरे है , ऐसे कब कब तक चलेगा। जादू की तरह सब कुछ क्यों नहीं  ?

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