Saturday, 26 August 2017

लोकतंत्र न कुलीनतंत्र , न भीड़तंत्र , न भाव - भावनातंत्र।  यह है विधिकतंत्र , न्याय-तंत्र ,यथार्थ तंत्र , समरुप -तंत्र !

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