Friday, 18 August 2017

निन्यानबे प्रतिशत को पता ही नहीं की काला , गन्दा  , भ्र्ष्टाचार  , अनुचित होता क्या है , पैदा कब और कहाँ  किसके द्वारा क्यों किया जाता है। उसने शायद नाम भर ही सुना है।  वह अनुचित-अनैतिक आचरण को जन्म से ही ब्यवहार में अपने से बड़ों के माध्यम से देखते आया है और इसे ही सामान्य प्राकृतिक सामाजिक ब्यवहार मंटा आ रहा है।
 काला , गन्दा  , भ्र्ष्टाचार  , अनुचित संगो पांग समझाया दिखाया बतलाया ही नहीं गया  ! समझ में आवे तो कैसे।  इसका स्वरूप छिपाया जाता है।  इसे सदाचार के रूप में ही सिखाया बताया जाता है। 

No comments:

Post a Comment