रिश्ते ब्लड के , उगते है, बढ़ते हैं ,
तोड़े टूटते तो नहीं ,पर टूट से जाते हैं,
बढ़ते बढ़ते कमजोर कयों हो ही जाते हैं.
तोड़े टूटते तो नहीं ,पर टूट से जाते हैं,
बढ़ते बढ़ते कमजोर कयों हो ही जाते हैं.
रिश्ते इन ला, जुटते हैं , बनते है
तोड़े टूट तो जाते हैं ,पर बढ़ाये बढते भी हैं
बढते-बढते इतने मजबूत कैसे हो जाते हैं
तोड़े टूट तो जाते हैं ,पर बढ़ाये बढते भी हैं
बढते-बढते इतने मजबूत कैसे हो जाते हैं
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