Monday, 27 July 2015

जीवन का बैलेंस सीट बनाना उतना भी सरल नहीं है . फिर कम्पेरेटिव चार्ट बनाना तो नितान्त असम्भव . बहुत सी जीवन यात्राएँ ,उनका लक्ष्य एक सा होता ही नहीं .
किसी को जीवन के प्रारंभ में ही फार्मूला वन रेस सूट, रेस ट्रैक ,रेस-कार मिली,
भारी इंश्योरेंस कभर के साथ जन्म ही हुआ -
वह वर्ल्ड क्लास सईकलिंग ट्रैक पर सीखा,चला ,सेकंडों में हवा से बात करने लगा .
एक दूसरा है ,देहात का पैदल चलनेवाला ,कच्चे रास्ते ,स्कूल नहीं थी ,अस्पताल नहीं था , निश्चित जीवन के कोई साधन नहीं थे ,प्रेरणा नहीं थी ,समर्थन नहीं था .
रास्ते नहीं बताए गए , न दिखाए गये , जहाँ जो भी थे वहाँ प्रवेश तक निषेध - इन सब के बीच राह बना कर आगे चलना .
अब कैसे इन दोनों की बैलेंस सीट बनाऊँ ,कैसे कम्पेयर करूं .
एक की इनिसियल वेलोसिटी शून्य- इन्रेसिया से मोशन में आने में ही सारी शक्ति लगेगी .
उसके लिए रेसिस्टेंस इतना हाई ,फ्रिक्स्न टफ ,विपरीत दिशा का ग्रेविटेशनल फ़ोर्स अधिक .
कैसे आगे बढे .
दूसरी और सारे सपोर्ट सिस्टम के साथ स्पोर्टिंग इनिसियल वेलोसिटी ++.
क्या तुलना करूं दोनों की .
बस यही कह सकता हूँ की हर बैलेंस सीट को एक्जामिन करने का तरीका अलग होना ही चाहिए.

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