Wednesday, 11 March 2015

अपने हिस्से का आसमान बुनने , 
अपने हिस्से की धुप चुनने , 
अपनी जमीन खुद तलाशने ,
अपनी नींव खुद बनने 
और अपने हिस्से की हवा को बांधने 
का 
वक्त आ गया है , 
खड़े हो कर लग जाओ .
पूरी ताकत से ,
दांत पर दांत चढ़ाए ,
 न झुकना , 
न टूटना ,
न छोड़ना , 
न भागना 

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