बस इतने से के लिये साथ छोड़ दिया . थोडा थमते तो ! थोडा ही दूर तो अब रह गया था ! कितने दिनों से कैसे कैसे हम साथ चलते रहें हैं , उकता गये या मन भर गया या कोई और बात है - जरा खुल कर बताओ .
नहीं मुझे बुरा नहीं लगेगा . लगेगा भी तो तुम्हें या किसी को कुछ नहीं कहूँगा .
कह भी दूंगा तो क्या पहाड़ टूट जायेगा .
वैसे अब कहने को बचा ही क्या है .
एक तुम ही तो थे - तुम भी साथ छोड़ चले .
चलो ,कोई बात नहीं ,तुम्हें जाते हुए देख लूँ ,फिर तुम्हारी याद भी आवे या न आवे ,जो जैसा होगा मैं भोगूँगा
नहीं मुझे बुरा नहीं लगेगा . लगेगा भी तो तुम्हें या किसी को कुछ नहीं कहूँगा .
कह भी दूंगा तो क्या पहाड़ टूट जायेगा .
वैसे अब कहने को बचा ही क्या है .
एक तुम ही तो थे - तुम भी साथ छोड़ चले .
चलो ,कोई बात नहीं ,तुम्हें जाते हुए देख लूँ ,फिर तुम्हारी याद भी आवे या न आवे ,जो जैसा होगा मैं भोगूँगा
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