आज पता चला ,अनजान बड़े से शहर में एक परिचित का नाम भी सहारा ,हिम्मत बन जाता है - कौन जाने आगे बढ़ने का रास्ता भी मिल जाये - मिहनत हो - प्रेरणा हो तो सारा वैभव चला ही आता है --- बस सावधान हो आगे देखो ,बढ़ो , चलो , करो . सहारा तो मिल ही जाता है .कोई तो आपको उठाना चाहता ही है , बस आप खुद भी उठने की कोशिश करें .
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