Sunday, 11 January 2015



एक बात तो जान लीजिये !
हम सभी बहुत बुरी तरह से असफल होने जा रहे है
अन्याय ख़त्म करने के सभी उपाय ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे है !
हजारो साल पहले का लिखा हुआ अब ज्यादा मायने नहीं रखता,
हमको या तो अपने अपने अंदर तक अपडेट के लिए तैयार रहना चाहिए
या,
इस मानव सभ्यता को ख़त्म होते हुए देखने को तैयार होना होगा ----
उपर मैंने अपने एक नौजवान उर्जावान मित्र की चिंता को शेयर किया है ,थोड़ी सी एडिटिंग भी की है - यद्यपि मैं इतना निराशावादी कम से कम अभी तो नहीं हूँ ,पर मेरे मित्र नौजवान युवक की यह चिंता मुझे विचलित कर दे रही है .
हिम्मत रख भाई - अभी बहुत कुछ अच्छा ही होगा - सभ्यता पीछे नहीं आगे ही जाएगी ---हम जाने वाले तो हैं पर आप नवयुवकों के प्रति निष्ठुर अत्याचारी नहीं

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