बहुत कुछ था जिसका पता मुझे वह सब हाथ से निकल जाने के बाद मिला .
जब तक था साथ , पता भी न चला ,न महसूसा कभी ,न सलाम ,न बन्दगी
आज वह कब,कहाँ ,क्यों ,कैसे चला गया ,या है नही ,या पता चलता ही नहीं
केवल मेरा अपना खालीपन ,ये बैचैन होना उसके होने का एहसास दिला रहा
जब तक था साथ , पता भी न चला ,न महसूसा कभी ,न सलाम ,न बन्दगी
आज वह कब,कहाँ ,क्यों ,कैसे चला गया ,या है नही ,या पता चलता ही नहीं
केवल मेरा अपना खालीपन ,ये बैचैन होना उसके होने का एहसास दिला रहा
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