Wednesday, 3 December 2014

न्याय एक लक्ष्य है . समाज का उद्देश्य न्याय तक की एक भावी यात्रा सुनिश्चित करना है .शायद मनुष्य ने न्याय के लिए हि स्माज का निर्माण ही किया है .
बहुमत , के बल पर अल्पमत को दबं ही अन्याय है .यह अलोकतांत्रिक सत्य कई बार अवैध नहीं भी हो सकता है ,किन्तु प्रत्येक स्थिति में अल्पमत को श्रापित पर्ण,उस पर बहुमत थोपना,घनघोर रूप से अन्यायकारी है .

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