Tuesday, 9 December 2014

कभी कभी कुछ पढ़ कर कांप सा जाता हूँ ------ -------------- आप का लिखा पढ़ता हूँ तो बस बार बार पढ़ता ही जाता हूँ ----- क्यों की उसके बाद आपका लिखा मेरे अन्दर ही एक लम्बी यात्रा पर चल देता है --

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