मुझे पहले के सब कुछ से इतना मत बाँध दीजिये कि मैं उसके आलावा कुछ सोच समझ ही नहीं पाऊं मुझे पहले के सब कुछ को परखने की , जांचने की आजादी तो दिजिये .
मुझे आप को चैलेंज करने की आजादी देने में हर्ज ही कितना है
.मुझ पर भरोसा तो किजिये. मैं सब कुछ बेवजह गिरा-पड़ा -कर बरबाद तो यूँ ही नहीं कर दूंगा . आखिर आपने सदियों से इन सब को संम्भाल कर मेरे लिए ही तो रखा है . मुझे भी आपकी मेहनत पर भरोसा है .
आप मुझ पर भरोसा तो कीजिये .
बस इतना मान तो जाईये की आपका किया अंतिम सर्वोत्तम नहीं भी हो सकता है .इसके बाद भी बहुत कुछ है .
मुझे इतनी आजादी तो दीजिये . मैं आगे सोच सकूँ ,बढ़ सकूँ ,जाँच सकू ,कुछ आगे बढ़ संकू , नया कुछ कर सकूँ ,आपको कुछ समझा सकूँ , शायद आपसे ही बेहतर मैं हो सकूँ.मुझे अवसर तो दीजिये
मुझे आप को चैलेंज करने की आजादी देने में हर्ज ही कितना है
.मुझ पर भरोसा तो किजिये. मैं सब कुछ बेवजह गिरा-पड़ा -कर बरबाद तो यूँ ही नहीं कर दूंगा . आखिर आपने सदियों से इन सब को संम्भाल कर मेरे लिए ही तो रखा है . मुझे भी आपकी मेहनत पर भरोसा है .
आप मुझ पर भरोसा तो कीजिये .
बस इतना मान तो जाईये की आपका किया अंतिम सर्वोत्तम नहीं भी हो सकता है .इसके बाद भी बहुत कुछ है .
मुझे इतनी आजादी तो दीजिये . मैं आगे सोच सकूँ ,बढ़ सकूँ ,जाँच सकू ,कुछ आगे बढ़ संकू , नया कुछ कर सकूँ ,आपको कुछ समझा सकूँ , शायद आपसे ही बेहतर मैं हो सकूँ.मुझे अवसर तो दीजिये
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