मेरी कहानी मैं ही कहूँ या आप बतायेंगे ?
आप की कहानी ,आप सुनेगें या सुनायेंगें
शुरूं करूँ मैं , या पहल आप कर पायेंगें
झटके तो हर तरह लगेंगे , सह पाएंगे
जो कहने योग्य नहीं रहा , वह कहेंगें
जो सहने योग्य नहीं रहा ,सह पायेंगें .
न भोजन न है पानी , क्या रह पायेंगें
सूखी धरती और समन्दर , बह पायेगे।
आप की कहानी ,आप सुनेगें या सुनायेंगें
शुरूं करूँ मैं , या पहल आप कर पायेंगें
झटके तो हर तरह लगेंगे , सह पाएंगे
जो कहने योग्य नहीं रहा , वह कहेंगें
जो सहने योग्य नहीं रहा ,सह पायेंगें .
न भोजन न है पानी , क्या रह पायेंगें
सूखी धरती और समन्दर , बह पायेगे।
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