अपराधियों को हमारा कमजोर चरित्र, उफनता लोभ, बे लगाम काम, बेकायदा क्रोध औऱ बेसिक अहंकार निमंत्रित करता है।
सामान्यतः वे बिना बुलाये नहीं आते।
हमारा आचरण उन्हें निमंत्रित करता है।
कोई जाने या न जाने, भुक्त भोगी जानता है।
सामान्यतः वे बिना बुलाये नहीं आते।
हमारा आचरण उन्हें निमंत्रित करता है।
कोई जाने या न जाने, भुक्त भोगी जानता है।
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