Tuesday, 23 April 2019

Love you.
औरंगाबाद की धरती के लाल से यह पोस्ट आश्चर्य पैदा करता है।
आज भी कभी भी औरंगाबाद का जिक्र सुधीजनों के बीच चर्चा में सुनता हूँ तो सर शर्म से झुक जाता है।
क्या वहाँ की हवा, पानी, मट्टी में ही है इतनी निगवतिविटी।
काश मेरी शंका का निवारण करते कोई तो कहे कि मेरी शंका सर्वथा निर्मूल है, निराधार है।

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