लोहिया के शब्दों में मर्यादा मायने राम, उन्मुक्तता मायने कृष्ण और असीमित मायने शिव। वह कहते हैं कि राम,कृष्ण और शिव हिंदुस्तान की उन तीन चीजों में है, मैं उनको आदमी कहूं या देवता, इसके दो खास मतलब नहीं होंगे, जिनका असर हिंदुस्तान के दिमाग पर ऐतिहासिक लोगों से कहीं ज्यादा है। वह बताते हैं कि कोई आदमी वास्तव में हुआ या नहीं यह इतना बड़ा सवाल नहीं है, जितना कि उनके काम किस हद तक हैं। कितने लोगों को मालूम है और उसका कितना असर है दिमाग पर। तो ये तीनों ऐसी चीज तो हैं ही जिनका अस्तित्व हिंदुस्तानी समाज के दिमाग में घर कर चुका है।
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