Tuesday, 5 September 2017

संविधान तो हमारी दासी है।  नहीं है परसन में इनक्लूडेड तो कर  न देंगे। मरेगा ये तो हमारे ही हाथों क्यों कि यह हमारी एक्सक्लूसिव मिल्कियत जो है 

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