Friday, 8 September 2017

पत्रकारिता शब्द-भाव-प्रवाह -प्रभाव समानुपाति सामाजिक सेवा -प्रशिक्षण- परामर्श रही है , एक साथ सारे समाज तक ब्यापक पहुंच के कारण इसमें अतिरिक्त सावधानी और समझदार संयम की आवश्यकता महसूस की गई।  पत्रकारिता आज बाजार वाद से -ब्यक्तिवाद से प्रभावित हो दायित्वहीन  वाचाल लेखन हो  चली है।  सुधि पत्रकार इस और सचेत भी है।  नये पत्रकारों को पत्रकारिता के ब्यापक प्रभाव और उसके कारण उतपन्न दायित्व से  करवाया जा रहा है।  नई उम्र के पत्रकारों में विचार-दायित्व गाम्भीर्य आने में समय लगता है। 

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