Thursday, 18 February 2016

जी, दरवाजा , खोलिये , मेरे पास अन्दर आने का अधिकार पत्र है !
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जी , भगवान आपसे प्रसन्न नहीं हैं, रूकिये , भगवान के पास जाने के लिये पवित्रता की नहीं भगवान की मरजी की ही आवश्यकता होती है, सुना नहीं है - मेरे हो जाओ- मेरी शरण में आ जाओ, मैं तुम्हारे सारे पाप हर लूँगा. पापी हो पर भगवान की शरण में हो , भगवान के अपने हो तो बस अन्दर चले आओ, नहीं तो अपनी पवित्रता का , अपने अधिकार पत्र का अाचार डालो और दरवाजे पर इन्तजार करते रहो .
योग्य नहीं भगवान के अपने बनो.अपने बन जाओ तो सारे पाप माफ.

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