Thursday, 5 February 2015

विधाता ने मुझे विगत साठ एक साल में क्या कुछ नहीं दिया . दिन रात भी अगर धन्यवाद कहता रहूँ तो भी उनकी महती कृपा का वर्णन नहीं कर सकता .
कैसे कोई भी शिकायत करूँ .परमात्मा ने सब कुछ दिया . कुछ भी बाकी नहीं रखा .
हे गुरुदेव , जैसी मेरी नाबह गये ,जैसे मुझे चला गये ,जिस प्रकार मुझ पर कृपा कर गये , वैसी कृपा आगे भी करते रहना .
प्रणाम .

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