Tuesday, 9 December 2014

बस जितना उचित है ,जरूरी है , उतना ही .
मन की करने की आदत ,मन भर करने की आदत - न,ना , ना !!!!
मन का क्या, बेलगाम घोडा है !!!!
इस पर लगाम लगा सवारी कर ,तब देख , लगाम और घोड़े के साथ सवार का मजा 

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