दिये की तरह यूँ रात दिन जलता ही रहा हूँ
याद कर बताओ जरा , कब रौशनी मांगी है .
नदी की तरह यूँ रात दिन बहता ही रहा हूँ
याद कर बताओ जरा ,कब पानी माँगा है
भरी दुपहरिया खरी धुप में जलता ही रहा हूँ
याद कर बताओ जरा कब छाँव मांगी है
याद कर बताओ जरा , कब रौशनी मांगी है .
नदी की तरह यूँ रात दिन बहता ही रहा हूँ
याद कर बताओ जरा ,कब पानी माँगा है
भरी दुपहरिया खरी धुप में जलता ही रहा हूँ
याद कर बताओ जरा कब छाँव मांगी है
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