Saturday, 22 March 2014

शायद भगत,बटुकेश्वर ,सुखदेव ये नाम ही काफी है
कुछ कुछ होने के लिये ,कुछ उबलने के लिये.
बस याद भर रखने से कुछ अब नहीं होगा
सावधान रहना होगा उनसे जो

और जिसने दी थी गवाही उसका नाम
आधी नई दिल्ली जिसकी हुआ करती थी उसका काम
मूल्यों को सरे बाजार नीलाम कर देने लिये काफी नहीं है .
यदि मैं लाल का बेटा ,गाँधी का पोता हो कर गर्व करता हूँ
तो उस गवाह ठेकेदार का बेटा होने पर उसे  पद्मविभूषण  क्यों

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