ऐ मेरे साथी प्यादे
रहीम के व्यंग्य वाण से डर कर वजीर बनने का अपना संकल्प मत छोड़ देना।
इन्हें खानदानी वजीर से कोई शिकायत नहीं, शिकायत है तो प्यादे से वजीर बनने से।वह कित्ती शह बचते बचते आज वजीर बना। अब वजीर की तरह चलने का हक है। उसे शाबाशी देने की जगह रहीम उस पर तंज कस रहे।
रहीम के व्यंग्य वाण से डर कर वजीर बनने का अपना संकल्प मत छोड़ देना।
इन्हें खानदानी वजीर से कोई शिकायत नहीं, शिकायत है तो प्यादे से वजीर बनने से।वह कित्ती शह बचते बचते आज वजीर बना। अब वजीर की तरह चलने का हक है। उसे शाबाशी देने की जगह रहीम उस पर तंज कस रहे।
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