Thursday, 22 December 2016

जीवन जनून के साथ जीना पड़ता है ,जनून के साथ जीते रहना पड़ता है , जीवन में ठहराव का कोई स्थान नहीं।सम्पूर्ण ऊर्जा से युक्त लगातार यात्रा जिसे भीष्म साहनी ने तबियत से कहा , जिसे तुलसी ने निरन्तर कहा  कृष्ण ने योग कहा , ही है ।

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