अपना घर, परिवार मत उजड़ने देना, मैं भी कहूँ तब भी नहीं, अपने आप को , अपने परिवार को संभालना,बाँध कर साथ रखना , संभाले-बाँधे रखना ही तुम्हारी सफलता है.
मेरे अहंकार के लिये अपनी शांति नष्ट मत कर डालना.
मैं भी कोशिश करूँगा खाम खाह तुम्हारे दैनिक अथवा छोटे-छोटे मसलों में टाँग न अड़ाऊँ.
मेरा अहंकार तुम्हारे सुख-शांति से बड़ा न है , न कभी था , न कभी होगा.
मेरे अहंकार के लिये अपनी शांति नष्ट मत कर डालना.
मैं भी कोशिश करूँगा खाम खाह तुम्हारे दैनिक अथवा छोटे-छोटे मसलों में टाँग न अड़ाऊँ.
मेरा अहंकार तुम्हारे सुख-शांति से बड़ा न है , न कभी था , न कभी होगा.
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