जो बदलना चाहते हैं, वे बदल जाते हैं, जिधर जाना चाहते हैं चले चलते है और यदि लगातार चलते रहे तो गंतब्य तक पहुँच भी जाते हैं। प्रश्न इतना ही है कि वे चाहते क्या और कितना है।
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