Judicial discussion by R . K . Rateria
Tuesday, 17 July 2018
वक्त के साथ बहुत कुछ बदल जाता है, समझ में आता है, समय समझा जाता है, जो समय नहीं समझा पाता वह ठोकरें, आँधी, तूफान समझा जाता है । समझना तो पड़ता ही है । जो नहीं समझा, गया काम से, समय उसे बेरहमी से निकाल बाहर करता है।
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