Sunday, 2 July 2017

अपनी कमियों को खुद नजरअंदाज कर आप केवल दूसरों की कमजोरियों का कितना लाभ उठायेंगें।
या फिर अपने विरोधियों द्वारा आत्महत्या कर  ही लेने तक का इंतजार करोगे क्या।
आप की अपनी कमियाँ अब छिपी नहीं रह गई है।  आंटे में नमक की तरह भी नहीं तह गयी है। सत्तर अस्सी साल पुराना घुन- दीमक  लगा आपका अपना भी घर है।  आपका घर भी बहुत महक रहा है।
केवल विपक्षी की बहुत बड़ी गलती का इंतजार कब तक करेंगें ? 

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