Tuesday, 4 July 2017

आज भी उग रहा अरुणाभ बच्चा सूरज कुछ उम्मीद बाँधे कुछ कह रहा
सुनूँ तो और देर हो जाएगी , अनसुनी कर निष्ठुर बन अब तक कब रहा ?

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