अकेले वकील समुदाय को समाज और संविधान में ब्यक्तिगत स्वतंत्रता और ब्यक्ति की मानवीय गरिमा को उसकी निजता और गोपनीयता के साथ और उसके प्रति पूर्ण निष्ठां और अधिकार के साथ राज्य और राष्ट्र , न्यायाधीश , और सभी दमन करि शक्तियों के सामने भी उन सब के विरुद्ध भी खड़े होने का सर्वोच्च अधिकार प्राप्त है और शायद अधिवक्ता की संस्था का यही प्राण तत्व है।
No comments:
Post a Comment