Judicial discussion by R . K . Rateria
Wednesday, 23 September 2015
समय तो अकेला ही आगे बढ़ता चला जाता है, रोकने पर भी रुकता ही नहीं - समय के बहुत दूर चले जाने के बाद ही कुछ बाते क्यूँ समझ में आती है भाई , पहले कोई क्यों नहीं समझाता, और पहले वह समझ क्यों नहीं आती.
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