Saturday, 13 June 2015

क्या  सचमुच आप मुझे अब भी अन्फ्रेंड नहीं करेंगें , क्या अब भी मुझे बर्दास्त करते पढ़ते ही जायेंगे - हर चार छह महीने पर मैं अपनी प्रार्थना आप सभी के सामने रखते आ आ रहा हूँ। 

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