Wednesday, 4 February 2015


कोई भी कविता लिखने के बाद खाली खाली क्यों लगता है ?
Unlike ·  · 
  • You, Veeru SonkerDhruv GuptAparna Anekvarna and 33 others like this.
  • Sanjiv Jjs Ghar Bana K Mere Dil Me Wo Chor Gaya..Na Khud Rehta Hai Na Kisi Aur Ko BasnyDeta Hai.
    1 hr · Like · 1
  • Sanjiv Jjs Kyu ki dil ka drd kagz p utr jata hy
    1 hr · Like · 1
  • परिंदा किंशुक शिव तृप्ति का आनंद,..(मेरे हिसाब से) 
    और अगली कविता की तैयारी.. 
    यूँ भी कहना कहाँ एक बार में खत्म होता है,लगता है कुछ और बाकी रह गया हो..
    ...See More
    1 hr · Edited · Like · 4
  • Aparna Anekvarna bhaav beh jata hai.. wo khala intzaar mein hoti hai doosra bhaav koi ug aaye..
    1 hr · Like · 3
  • Veeru Sonker आप दिल से लिखते हो न इसी लिए......
    1 hr · Like · 3
  • Harsimran Singh Our muse gets utilized.
    1 hr · Like · 1
  • Govardhan Gabbi khaali khaali nahi mera khyaal hai halka halka mehsoos hota hai...halka matlab light weight...
    1 hr · Like · 1
  • Jayant B. Joshi ताकी नये विचार और कल्पनाओन्के लिये स्पेस बन जाये l
    1 hr · Like · 1
  • तारकेश्वर राय दिल निकाल कर तो कागज पर रख देते हो श्रीमान!खाली-खाली तो लगना ही है।
    1 hr · Like · 4
  • Pramod Beria क्योंकि कवि ख़ाली होने ही लिखता है ,वैसे आप कविता लिखने के बाद दूसरे का क्यों अपना ही चेहरा आईने में देखेंगे तो माँ का जन्म देने के बाद का चेहरा दिखेगा ।
    1 hr · Unlike · 2
  • Raj Jain कदाचित कवि अपनी कविता के प्रत्येक अक्षर में अपनी सारी सत्ता समावेशित कर देता है क्रमिक रूप से उपसंहार तक.... ऐसे में उसकी यह मनःस्थिति अत्यंत स्वाभाविक सी है.
    1 hr · Edited · Unlike · 2
  • Anurag Sharma गुलज़ार कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफ़र के हांफ जाता हूँ मैं जब चढ़ते हुए तेज चढाने सांसे रह जाती है जब सीने में एक गुच्छा हो कर और लगता है दम टूट जायेगा यहीं पर एक नन्ही सी नज़्म मेरे सामने आ कर मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर-मेरे शायर ला , मेरे कन्धों पे रख दे, में तेरा बोझ उठा लूं ..........sayad ye khalipn na hokr sukun ho
    53 mins · Unlike · 2
  • Pragya Shalini Or , or bas or likhne ki bhukh , Ya 
    Kuch , eysa likha jay jiko likhne ke bad sadiyon , yad kiya jay .
    48 mins · Like · 1
  • Ramesh Rateria आज इस पोस्ट ने और कमेंट्स ने बहुत कुछ पढ़ा समझा सिखा दिया----- विनीत प्रणाम
    10 mins · Edited · Like · 1
  • Surendra Mohan Sharma Ramesh Rateria ji ..मैंने भी आपकी तरह ही बहुत जाना है... इसलिए आप सहित सभी मित्रों को धन्यवाद और सभी का आभार !
    3 mins · Edited · Like
  • Ramesh Rateria संग्रहणीय पोस्ट कमेंट्स 

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