वर्षों वर्षों पूर्व जब चले थे हम इस अनजान पथ पर, कच्ची पगडंडियाँ थीं, सतह विषम थी पर चलने की उत्फुल्लता बनी रही| अब जिस मोड़ पर हैं, राह समतल है, सतह चिकनी और सड़क गतिमान है - हैं कुछ गति-अवरोधक! अंतर का अंतर पाट लेने के बाद अंतर बचे ही नहीं| यात्रा की उत्फुल्लता अब भी जीवंत है| कितना कुछ बदला
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