समझदारी ये समझने में है कि पितृसत्ता स्त्रियों में मित्रता को खतम करता है। उसके विपरीत स्त्रियों में ईर्ष्या, प्रतिस्प्रधा व नफरत को बढ़ावा देता है। ये पितृसत्ता की व्यवस्था है।
शादी के बाद लड़कियाँ अपनी स्कूल-कॉलेज की सहेलियों से दूर हो जाती है। कोई कहाँ, कोई कहाँ। विदाई प्रथा व शादी की बंदिशों की वजह से स्त्रियों के जीवन में सहेली जैसा रहता नहीं कुछ।
पितृसत्ता में रिश्ते कुछ इस तरह बने हैं कि मित्रता तो दूर की बात है, रहती है तो सिर्फ ईर्ष्या, प्रतिस्प्रधा व नफरत -
शादीशुदा सुहागन में विधवा या डिवोर्सी महिला के प्रति हीन भावना व नफरत
घरेलू महिला व कामकाजी महिला में प्रतिस्प्रधा व नफरत
परिवार में सास बहु, नन्द भाभी, देवरानी जेठानी में ईर्ष्या व प्रतिस्प्रधा व नफरत
मॉडर्न-पढ़ी लिखी महिला व देसी-अशिक्षित महिला में ईर्ष्या व नफरत
पितृसत्ता स्त्रियों को आपस में लड़वा कर ज़िंदा है, समझदारी इसे जल्द से जल्द समझने में है।
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