हमने कुछ भी गलत नहीं किया, हमारा एकमात्र दोष ये था कि जब दुनिया बदल रही थी और अन्य समूह, समाज, ग्रुप, संगठन, राष्ट्र, राज्य, सेना, कम्पनियां समय के अनुसार बदल रही थीं, हमने कभी भी खुद को बदलने की कोशिश नहीं की, हमने कुछ नया करने की कोशिश नहीं की और यही कारण है कि हम अब ब्यवस्था और प्रतिस्पर्धा, बाजार और विमर्श से बाहर हो गए हैं।
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