Friday, 31 July 2020

ऐसा नहीं है कि  मैं पर्फेक्ट रहा हुँ
गिरा हूँ, फिसला हूँ, गलत भी हुआ
हर बार एक सबक सीख खड़ा हुआ
अपना सीखा सिखा रहा, पढ़ा रहा
बस मैं खुद से, तुमसे, शर्मिंदा न हुआ।
तुम्हें कुछ गलत न सीखा-पढ़ा जाउँ
इतना सा जतन जीवन-भर करता  रहा।
एक पहचान तुम सबको मिले
तुम सबका सर न कभी भी झुके
न सही पोख्ता, नाम की ही सही
एक नीँव-नाम तो तुम सब के लिये
हो सका तो छोड़ ही जाऊँगा
मेरी याद जब भी तुम्हे आयेगी
उम्मीद है, जीभ का स्वाद तीता नहीं होगा।

Monday, 20 July 2020

अत्यंत दुखी एवं भावविगलित मन से सूचित करते हैं कि हमारे पूज्य पिताजी श्रद्धेय श्री लाल जी टंडन जी महामहिम राज्यपाल, मध्यप्रदेश  का देहावसान आज दिनांक २१.०७.२०२० दिन मंगलवार को प्रात: 5:35 पर हो गया है।
उनके अंतिम दर्शन प्रात: १०.०० बजे से १२.०० बजे तक कोठी नं ९, त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज पर
अपराह्न १२.०० बजे से अपने निवास ६४, सोंधी टोला, चौक, लखनऊ पर होंगे ।
अंतिम यात्रा ४.०० बजे गुलाला घाट,चौक, के लिए प्रस्थान करेगी।
अंतिम संस्कार गुलाला घाट, चौक, लखनऊ पर ४.३० बजे संपन्न होगा।
करोना आपदा के कारण आप सब से करबद्ध प्रार्थना है की शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से ही पूज्य बाबूजी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करें, जिससे कि सोशल डिसटेंसिंग का पालन हो सके।
             
              निवेदक
आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ (पुत्र)
सुबोध टंडन, अमित टंडन
कुंवर जी टंडन, (भतीजा)
आयुष, वंश (पौत्र)

Monday, 13 July 2020

जी बिल्कुल, दरअसल ये घटना एक पिता और पुत्र की है। पिता जो कि कुछ पुराने ख्यालों का है, और उसका बेटा नए ख्यालों से प्रेरित है। तो ऐसी ही एक सच्ची घटना बताता हूँ।
दरअसल ये बात कुछ साल पहले की है, एक बार पिता और पुत्र साथ-साथ टहलने निकले, वे दूर खेतों की तरफ निकल आये, तभी पुत्र ने देखा कि रास्ते में, पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं, जो संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे।

छायाचित्र सोर्स :- ThePrint Hindi
पुत्र को मजाक सूझा। उसने पिता से कहा - क्यों न आज की शाम को थोड़ी शरारत से यादगार बनायें, आखिर मस्ती ही तो आनन्द का सही स्रोत है पिता ने असमंजस से बेटे की ओर देखा।
पुत्र बोला - हम ये जूते कहीं छुपा कर झाड़ियों के पीछे छुप जाएं।जब वो मजदूर इन्हें यहाँ नहीं पाकर घबराएगा तो बड़ा मजा आएगा। उसकी तलब देखने लायक होगी, और इसका आनन्द मैं जीवन भर याद रखूंगा।
पिता, पुत्र की बात को सुन गम्भीर हुये और बोले बेटा ! किसी गरीब और कमजोर के साथ उसकी जरूरत की वस्तु के साथ इस तरह का भद्दा मजाक कभी न करना। जिन चीजों की तुम्हारी नजरों में कोई कीमत नहीं।
वो उस गरीब के लिये बेशकीमती हैं। तुम्हें ये शाम यादगार ही बनानी है, तो आओ। आज हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और छुप कर देखें कि, इसका मजदूर पर क्या प्रभाव पड़ता है।पिता ने ऐसा ही किया और दोनों, पास की ऊँची झाड़ियों में छुप गए।
मजदूर जल्द ही अपना काम ख़त्म कर जूतों की जगह पर आ गया। उसने जैसे ही एक पैर जूते में डाले उसे किसी कठोर चीज का आभास हुआ, उसने जल्दी से, जूते हाथ में लिए और देखा कि अन्दर कुछ सिक्के पड़े थे।
उसे बड़ा आश्चर्य हुआ और वो सिक्के हाथ में लेकर बड़े गौर से उन्हें देखने लगा.फिर वह इधर-उधर देखने लगा कि उसका मददगार शख्स कौन है ? दूर-दूर तक कोई नज़र नहीं आया, तो उसने सिक्के अपनी जेब में डाल लिए, अब उसने दूसरा जूता उठाया, उसमें भी सिक्के पड़े थे।
मजदूर भाव विभोर हो गया।
वो घुटनो के बल जमीन पर बैठ, आसमान की तरफ देख फूट-फूट कर रोने लगा। वह हाथ जोड़ बोला,
हे भगवान् ! आज आप ही किसी रूप में यहाँ आये थे, समय पर प्राप्त इस सहायता के लिए आपका और आपके माध्यम से जिसने भी ये मदद दी, उसका लाख-लाख धन्यवाद।
आपकी सहायता और दयालुता के कारण आज मेरी बीमार पत्नी को दवा और भूखे बच्चों को रोटी मिल सकेगी। तुम बहुत दयालु हो प्रभु ! आपका कोटि-कोटि धन्यवाद।🙏🙏
मजदूर की बातें सुन, बेटे की आँखें भर आयीं।
पिता ने पुत्र को सीने से लगाते हुयेे कहा
क्या तुम्हारी मजाक मजे वाली बात से जो आनन्द तुम्हें जीवन भर याद रहता, उसकी तुलना में इस गरीब के आँसू और दिए हुये आशीर्वाद तुम्हें जीवन पर्यंत जो आनन्द देंगे वो उससे कम है, क्या?
पिताजी, आज आपसे मुझे जो सीखने को मिला है, उसके आनंद को मैं अपने अंदर तक अनुभव कर रहा हूँ।
अंदर में एक अजीब सा सुकून है।
आज के प्राप्त सुख और आनन्द को मैं जीवन भर नहीं भूलूँगा आज मैं उन शब्दों का मतलब समझ गया, जिन्हें मैं पहले कभी नहीं समझ पाया था। आज तक मैं मजा और मस्ती-मजाक को ही वास्तविक आनन्द समझता था, पर आज मैं समझ गया हूँ की लेने की अपेक्षा देना कहीं अधिक आनंददायी है।
लेखक

Wednesday, 8 July 2020

[08/07, 9:27 pm] Ramesh Rateria DJ (Retd): यदि कोई या आपका कोई प्रियजन कोरोनोवायरस संक्रमण से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती होने जा रहा हैं, तो आपको उनके प्रवास की अवधि के लिए हर संभव सामान पैक करना होगा। साथ ले जाने के लिए एकअत्यावश्यक सूची और एक सामान्य सूची दी जा रही है. इसे दो भागों में बांटा गया है, संक्रमण के पहले और संक्रमण के बाद .

१. इससे पहले कि किसी को कोरोना संक्रमण हो उसे क्या सुनिश्चित करने की जरूरत है ?

कृपया ध्यान दें — यह स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी बहुत जरूरी है

( कल्पना करिए कि अगर आप इस दुनिया से विदा ले लेते हैं ( मेरी कामना है कि आप चिरायु हों ) तो आपकी अनुपस्थिति में , आपको अपने जीवनसाथी, परिवार और प्रियजन को क्या बताने की आवश्यकता है ? )

अपने जीवनसाथी / प्रियजनों की सुविधा के लिए विस्तृत रिकॉर्ड की एक सूची तैयार करें .

1. बैंक खातों का विवरण
जमा खाते
ऋण खाते यदि कोई हो
2. फिक्स डिपॉजिट का विवरण
3. लॉकर / सुरक्षित जमा लेख का विवरण
4. डी-मैट खातों का विवरण
शेयरों और प्रतिभूतियों का विवरण
5. बीमा पालिसी का विवरण
6. संपत्तियों का विवरण
7. व्यक्तिगत लिए / दिए गए उधार का विवरण
8. जिन खातों में नामांकन किया जा सकता है नामांकन का प्रयास करें
9. ऑनलाइन वालेट का विवरण
10. घर पर रखी नकदी और कीमती सामान का विवरण
११.विल अगर आपने कोइ की है, का विवरण
२. अगर कोरोना संक्रमण हो जाता है तो क्या करें ?

(अ) अत्यावश्यक सूची

i. दवाओं की पर्याप्त मात्रा जो आप दिनचर्या में उपयोग करते हैं।

ii. चिकित्सा इतिहास (यदि आप नवीनतम नुस्खे और रिपोर्ट की प्रतिलिपि ले जा सकते हैं तो बहुत अच्छा रहेगा)

iii. चार्जर के साथ फोन

iv. फोन का ईयर फोन

v. यदि आप उपयोग करते हैं तो चार्जर के साथ लैपटॉप, आईपैड या टैबलेट

vi. कंघी

vii. टूथब्रश और टूथपेस्ट

viii. टॉयलेट बैग जिसमें साबुन, हेयर ऑयल, फेस क्रीम आदि हों।

ix. यदि आपके पास अतिरिक्त चश्मा हो

x. डेबिट / क्रेडिट कार्ड ( ये व्यतिगत आधार पर निर्णय करें. ये बहुत जोखिम भरा है क्योंकि आपके पास मोबाइल फोन भी होगा जिस पर इसका ओ टी पी आयेगा. और तवियत ज्यादा ख़राब होने पर कोई इसका दुरूपयोग कर सकता है. इसलिए सीमित बैलेंस वाला डेबिट कार्ड ज्यादा उचित होगा)

xi. पहचान पत्र- (स्वास्थ्य बीमा, पेंशनर या कार्यालय का)

xii. यदि आपके पास स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है तो कैशलेस उपचार के लिए पॉलिसी कार्ड

xiii. कुछ नकद

xiv. अतरिक्त मास्क

xv. सैनिटाइजर

xvi. पेन /बॉल पॉइंट पेन / पेंसिल

xvii. नोटबुक / पेपर पैड

xviii. यदि पति / पत्नी संयुक्त खाताधारक नहीं है, तो अपने पति / पत्नी के साथ एक हस्ताक्षरित खाली बैंक चेक छोड़ें, अन्यथा केवल चेक बुक उसे सौंप दें.

(ब) सामान्य वस्तुएँ

i. बैग

ii. आरामदायक कपड़े जिन्हें आप अस्पताल में पहन सकते हैं

iii. पजामा/ लोअर इत्यादि

iv. 2-3 तौलिए

v. चप्पलें

vi. मोज़े २-३ जोड़ी

vii. अंडरवीयर / अंडर गारमेंट्स

viii. एक गर्म कपड़ा

ix. आपकी रुचि की पुस्तकें / पत्रिकाएँ

x. धार्मिक पुस्तक (रामायण, गीता आदि) या अन्य धार्मिक ग्रंथ

xi. फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चार्जर्स

xii. लैपटॉप, आईपैड या टैबलेट


*हम सभी आपके सदैव स्वस्थ बने रहने की कामना करते हैं*
[08/07, 9:27 pm] Ramesh Rateria DJ (Retd): और अब बात करते हैं सरकारी हॉस्पिटल की, जहां निम्न चीजें ले जाना आपके लिए सुविधाजनक रहेगा-

1-तीन चार जोड़ी आरामदायक कपड़े जिन्हें आप घर पर पहनते हैं, या सोते समय पहनते हैं।

2-एक तकिया , आपकी किस्मत ठीक हुई तो हॉस्पिटल में भी इसकी व्यवस्था हो सकती है, लेकिन एहतियात के तौर पर ले जाएं।

3- दो साफ तौलिये।

4-टूथपेस्ट एंड टूथब्रश।

5-पानी गर्म करने के लिए एक कैटल।

6-लौंग, दालचीनी, सौंफ,आदि काढ़े के लिए

7-डॉयफ्रूइट्स।

8-कुछ फल जो ज्यादादिनों तक खराब ना हों।
[08/07, 9:29 pm] Ramesh Rateria DJ (Retd): परंतु अगर हॉस्पिटल जाने से पहले किसी भी मरीज को कुछ तैयारियां अवश्य कर लेनी चाहिए ताकि वहां जाने पर कोई दिक्कत ना आए-

हॉस्पिटल जाने से पहले अपने सभी जरूरी सामान साथ लेकर जाएं

अपने दो तीन जोड़ी कपड़े भी साथ में अपने बैग में रख ले।

थोड़ा बहुत खाने का सामान भी बैग में साथ लेकर जाएं।

अपना मोबाइल चार्जर भी साथ लेकर जाएं।

हो सके तो एक थरमस बोतल भी साथ लेकर जाएं ताकि उसमें आप गर्म पानी रख सके।

अपना ब्रश ,कंघी, तेल इत्यादि जरूरी सामान साथ अवश्य लेकर जाएं ।

चेक करने के लिए थर्मामीटर भी हो सके तो साथ लेकर जाएं।

अपने साथ अपना आधार कार्ड व जरूरी दस्तावेज साथ लेकर जाएं।

अगर आपको पहले कोई और बीमारी है तो उसकी रिपोर्ट वगैरह भी साथ ले जाना ना भूलें।
एकांगी समाज पूरा समाज नहीं होता . पूर्ण समाज को बहुमुखी होना ही होगा . बहु मुखी नहीं ,सर्व मुखी .समाज में सफाई कर्मचारी से लेकर राजा, मंत्री वैद्य सभी चाहिए.सक्षम मूल जमीनी स्तर पर काम न हो तो समाज पैदा ही नहीं होता . केवल नक्शे से ताजमहल नहीं बना करता .केवल सोने चांदी से चूल्हे न तो जलाये जा सकते हैं ,न रोटियां बनाई जा सकती है . केवल गॉड ,ईश्वर , अल्लाह  , हरी नाम ,काव्य- कविता ,नमाज-बन्दगी -अरदास -पूजा ,से व्यक्ति चल सकता है , सुडौल सुदृढ़ समाज नहीं .
मारवाड़ी परिवार अभी भी फ़ौज के किसी भी पद के लिये उत्साहित नजर नहीं आते .अब ग्रामीण इलाके के मारवाड़ी परिवार में  डाक्टर ,इंजीनियर बन रहे हैं .ये लोग क्रमशःबड़े शहरों में पहुंच कर आश्चर्यजनक सफलता अर्जित कर रहे हैं ,सेवा के क्षेत्र में ,अनुसन्धान के क्षेत्र में नयी तकनीक के उपयोग के क्षेत्र में .पर अस्पतालों में आपको या तो मारवाड़ी डाक्टर मिलेंगे या  अकाउंटेंट ,कैशियर  और मेनेजर मिल जायेंगे पर पारा मेडिकल स्टाफ नहीं , नर्सिंग स्टाफ नहीं , सिक्युरिटी स्टाफ नहीं . उसी प्रकार उच्च तकनीक संस्थाओं में बड़े पदों पर या बड़े पदों की शुरुआती पायदान पर आपको तीक्ष्ण बुद्धि प्रवीण अध्येता तकनीक ज्ञान से भरेपूरे ,बड़े उत्साही बड़ी बड़ी डीग्री धरी मारवाड़ी नौजवान मिल जायेंगे पर असिस्टेंट ग्रेड पर नहीं मिलते .
मारवाड़ी नौजवान यदि अपनी  बौद्धिक क्षमता सामान्य पाता है तो वह करियर के रूपमे ट्रेड ,इंडस्ट्री ,कामर्स को ही तरजीह देता है .
साहित्य ,खेल ,कला , सामाजिक कार्य का पूर्णकालिक करियर मारवाड़ी परिवारों को आज भी स्वीकार नहीं 
आध्यात्मिक वे हो सकते है पर उसे भी वे करियर के रूप में स्वीकार नहीं करते.
हिंसक प्रतिरक्षा,शारीरिक या अपने सम्मान -गरिमा की रक्षा के लिये आत्मरक्षा  तक के लिये मारवाड़ी को संघर्ष करते नहीं देखिएगा . हाँ भाड़े पर वे सारी सुरक्षा खोजते हैं ,पर अपने हाथों से , अपने भुज बल से , ना बाबा ना . यह तो गुंडा मवाली का काम है ! ऐसा क्यों. समझ में मुझे तो आज तक नहीं आया
एकांगी समाज पूरा समाज नहीं होता .

Sunday, 5 July 2020

Hopefully one will not get slapped with a charge of sedition if it were to be disclosed that Narendra Modi’s most cherished – and the most secret – desire is to match Jawaharlal Nehru’s record of three consecutive Lok Sabha mandates. 
For now, he looks all set to achieve this perfectly legitimate dream, primarily because he seems to have acquired the unsolicited services of the great man’s great-grand-children, Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra.  Between  them, the brother and sister are determined to make Modi look like a sober and responsible leader.
Till the Congress’s ruling family bows out of the picture, the fight against creeping authoritarianism will just not take off.
मानवीय सम्बन्ध भावों में मेरी समझ में सर्वश्रेष्ठ भाव है शिक्षक भाव।
शिक्षक भाव गुरु भाव नहीं है।
गुरु और शिष्य के बीच एक दासता का सम्बन्ध होता है। यह अधीनता द्योतक संबंध उत्पन्न करता है। गुरु और शिष्य के संबंध में या तो शिष्य पर गुरु की छाप पड़ जाती है, या गुरु शिष्य को अपने समान कर लेता है। गुरु शिष्य सम्बन्ध में शिष्य गुरु के अतिरिक्त अन्य कोई जिज्ञासा नहीं रख पाता।
शिक्षक अपने विद्यार्थी को किसी अधीनस्थ भाव में नहीं रखता। शिक्षक शिक्षा देता है ,ज्ञान का दान नहीं।
दान ,दया ,करुणा ,क्षमा -इन सभी भावों में कहीं न कहीं दाता का अहंकार छिपा होता है। श्रेष्ठता का अहंकार।
शिक्षक के पास यह अहंकार नहीं होता। और इसी कारण शिक्षक विद्यार्थी से स्थायी गुरु शिष्य सम्बन्ध नहीं बनाता।
शिक्षक विद्यार्थी को सीमा में बांधता नहीं है।
गुरु हो सकता है , शिष्य को अपने समान बना ले , कर ले आप समान।
पर शिक्षक विद्यार्थ को अपने से श्रेष्ठ बनने के लिए ललकारता है, अपने भर शिक्षा दे कर मुक्त कर देता है।
शिक्षक नहीं चाहता की उसका विद्यार्थी जीवन भर उसकी स्टाम्प लेकर दास्य भाव से घूमता रहे।
शिक्षक विद्यार्थी के स्वतंत्र व्यक्तित्व का अभ्यर्थी होता है।
शिक्षक अप्रिय भाव से प्रशिक्षण देता है।
वह अपने विद्याथी से मान्यता की कामना नहीं करता। शिक्षक दक्षिणा की कामना नहीं करता।
शिक्षक विद्यार्थी को स्वतंत्र कर उसको और ऊंचाइयों पर देखना चाहता है। शिक्षक नहीं चाहता की विद्यार्थी उसका ही गुण -गान करे तथा उसके वाद, सिद्धांत या विचारों से बंध कर उसी का प्रचार करे ।
शिक्षक शोध को प्रोत्साहित करता है , विद्यार्थी को अपनी सीमा से बाहर ले जा कर स्वतंत्र कर देता है।
गुरु तथा शिक्षक दोनों के धर्म अलग अलग होते हैँ

Wednesday, 1 July 2020

हमने कुछ भी गलत नहीं किया, हमारा एकमात्र दोष ये था कि जब दुनिया बदल रही थी और अन्य समूह, समाज, ग्रुप, संगठन, राष्ट्र, राज्य, सेना, कम्पनियां समय के अनुसार बदल रही थीं, हमने कभी भी खुद को बदलने की कोशिश नहीं की, हमने कुछ नया करने की कोशिश नहीं की और यही कारण है कि हम अब ब्यवस्था और प्रतिस्पर्धा, बाजार और विमर्श से बाहर हो गए हैं।