Judicial discussion by R . K . Rateria
Saturday, 17 November 2018
कोई एक दिया जले, जलता जले, जलता चले, रौशन करता चले बस इसी लिये खुद को माचिस की डिबिया की तरह तीली दर तीली जलाते जा रहा हूँ।
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