सरकारी नौकरी एक को, बाकी का १०० का परिवार तो उसी हलवाई की दुकान से शान से रहता है । लेथ मशीन से लाखों की इज्जत के साथ जीवन। करोड़ों सैल्फ इम्पलाइड सरकारी नौकरी तरफ देखते तक नहीं ।चपरासी, सीपाही, आर्मी की नौकरी से कोई देश समृद्ध नहीं होता । कलम घिस्सू मेरे जैसे से देश नहीं चलता। देश चलता है किसान, गौपालक, कारीगर ,ब्यापारी, उद्योगपति, गृहिणी, से ।अनन्त घर बीना नक्शे के बने, केवल नक्शे से कोई पुल, महल, घर नहीं बने। केवल प्रोजेक्ट रिपोर्ट से फैक्टरी नहीं बनती । किसी को प्रोजेक्ट ,फैक्टरी का खतरा ओढ़ना होता है।
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