Thursday, 1 February 2018

सन 1994 का समय था। दस साल उम्र का अधिवक्ता हो चला था । एक सिविल टाईटिल सूट में WS ड्राफ्ट करने का ब्रीफ मिला । मैंने Plaint पढ़ा और क्लाईंट को आश्वस्त किया कि मुकदमा ही खारिज हो सकेगा। प्रथम सबजज के सामने हाजिर हुआ। मुझसे पूछा गया ह्वेयर इज WS । मैंने बताया जरूरी ही नहीं क्यों कि मुकदमा आप आज ही खारिज कर देंगें। उन्होंने आश्चर्य से देखा। मैंने अनुरोध किया की Plaint का अमुक पारा पढ़ लें ।उन्होंने पढ़ा। Plaintiff के वकील को बुलाया गया 2 मिनट की सुनवाई। मुकदमा खारिज ।
मैं लहराते हुए विजयी भाव से अपनी टेबल पर आया।
थोड़ी देर में देखा कि Plaintiff के वकील जो सबसे सीनीयर सिविल के वकील मिने जाते थे के पास कई सिनीयर वकील इकट्ठा हो चले।
थोड़ी ही देर बाद उसी टेबल के एक वकील साहब बुलाने आये । मैं गया ।
मुझे समझाया गया कि मुकदमा नहीं चलेगा, खारिज हो जायेगा यह बात Plaint दाखिल करते समय भी पता थी पर मुकदमा दाखिल किया गया जिससे मुझे भी ब्रीफ मिला। यह मुकदमा अन्ततः खारिज ही होता पर दस सालों तक दो तीन वकीलों का ब्रीफ तो रहता ही। मुझसे पूछा गया कि पहली ही तारिख पर मुकदमा खारिज करवा मुझे क्या मिला।दोनो तरफ का एक इंगेजमेंट कम ही हुआ।
मैं अवाक् रह गया।

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