Tuesday, 10 January 2017


भूखा होटल खोजता फिरता है ।
कपड़े का ब्यापारी कपड़े के होलसेल मार्किट या फैक्ट्री खोजता फिरता है ।
अनाज का ब्यापारी अपने मतलब की जगह मारा मारा फिरता है ।
हर ब्यक्ति अपने मशरफ का स्रोत खोजता है ।
ज्ञान की भूख में ज्ञान के उचित ऑथेंटिकेटेड सोर्स की खोज में नया युवक कैसे कैसे हिम्मत करता आगे बढ़ने का प्रयास करता है खास कर वह युवक जिसे अपने आजु बाजु में आगे का रास्ता नहीं दीखता या कोई नहीं दिखाता।
मेरे लिये ऐसे युवक प्रणम्य है जो बैचैन हो आगे बढ़ उचित श्रोत तलाशते फिरते है.

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