कुटेवी ,कुकर्मी , अपराधी , अकिंचन ,अधर्मी , मातापिता की संतान का दुःख वे पुत्रादि क्या जाने जिन्हें महाप्रतापी माता पिता का संस्कार , ज्ञान , विद्या , यश ,श्रेय ,साधन ,प्रताप ,पहुंच ,परिचय उत्तराधिकार में मिला होता है ।
अज्ञान की गोद में जन्मे बच्चे को ज्ञान के प्रकाश तक आने में कितनी लम्बी यात्रा होती है यह तो अज्ञान से ज्ञान तक , अंधकार से प्रकाश तक की यात्रा का भुक्त भोगी ही जानता होगा
अलौकिक प्रकाश से अहर्निश दिब्य रूप से प्रकाशित स्वच्छ महिमामण्डित राजप्रसाद में राजकुल में जन्में प्रख्यात बच्चे क्या जाने अन्धकार , असंस्कार , अविद्या , अवगुण, अनजान की पीड़ा ।
अज्ञान की गोद में जन्मे बच्चे को ज्ञान के प्रकाश तक आने में कितनी लम्बी यात्रा होती है यह तो अज्ञान से ज्ञान तक , अंधकार से प्रकाश तक की यात्रा का भुक्त भोगी ही जानता होगा
अलौकिक प्रकाश से अहर्निश दिब्य रूप से प्रकाशित स्वच्छ महिमामण्डित राजप्रसाद में राजकुल में जन्में प्रख्यात बच्चे क्या जाने अन्धकार , असंस्कार , अविद्या , अवगुण, अनजान की पीड़ा ।
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