यह समय हम सबों के लिए ईमानदारी पूर्वक आत्म निरीक्षण का है कि इस समाप्त होते वर्ष में हम ने क्या किया और अपने कर्मों से क्या पाया और क्या खोया ताकि नए वर्ष को अधिकाधिक अच्छा बनाया जा सके।
मैं जानता हूॅं कि ईमानदार आत्मनिरीक्षण बहुत ही कठिन कार्य है क्योंकि कोई भी व्यक्ति जान-बूझकर गलती नही करता है वल्कि फायदा के लिए अपनी समझ से जो उचित लगता है वहीं कार्य करता है।
बस, ऐसे कार्यों का ही मुल्यांकन करना है।
यह सच है कि यदि अपवाद को छोड़ दें तो मनुष्य स्वभावत: स्वार्थी होता है और अनुचित लाभ के लिए गलत काम कर बैठता है जो देर-सवेर विवाद पैदा कर देता है जिसके परिणामस्वरूप वह तनावग्रस्त हो जाता है तथा जितना वह प्राप्त करता है उससे ज्यादा वह गंवा देता है।
इसलिए मैं हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपने सभी रिश्तेदारों और संपर्कियों से आग्रह करता हूॅं कि वे स्थिर मन से बीत रहे पूरे वर्ष में अपने कार्यों का लेखा-जोखा कर नव वर्ष में इस संकल्प के साथ प्रवेश करें कि वे तुक्ष प्राप्ति के लिए कोई अनुचित कार्य नही करेंगे तथा अश्लीलता, उद्दंडता एवं अनुशासनहीनता का त्याग कर खुशहाल जीवन व्यतीत करने का प्रयास करेंगे।
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