Saturday, 26 January 2019

भाई मैं तमाम सामाजिक कामों में यथाशक्ति साधन, समय, साथ, साहचर्य, समर्पण, प्रचार, आमंत्रण, आदि माध्यमों से आनुपातिक रूप से जुड़ा रहता हूँ।
१९७२ के आसपास RSS
1974  छात्र आंदोलन, जयप्रकाश मूवमेंट
1980 से 95तक कम्युनिस्ट पार्टी
1977 से मारवाड़ी सम्मेलन
1980 से चेतना परिषद (मैथिली )
जैन मंदिर
रामाश्रम सत्संङ्ग
ब्यापार
वकालत
ट्यूशन
शिक्षण
कॉलेज मेँ प्रोफेसरी
जजी
अभी अर्हम की चाकरी
पर इस बीच पारिवारिक दायित्व भी
और हाँ! 2016तक आर्थिक आश्वस्ति नहीं थी।
पारिवारिक दायित्व अधूरे थे।
स्वप्न बहुत थे।
अभावों के बीच अन्य अभावग्रस्तों से कब कौन सा रिश्ता कायम हो गया पता ही नहीं लगा।
अपनों को , खुद को भूखा, नङ्गे रख कर भी दूसरे की चिंता करने की बुरी आदत शायद 1973 में लग गयी, सो आज भी है।
खुद को क्या कहूँ।
अपनों से बस क्षमा माँगता रहता हूँ।
आपसे दूर नहीं था।
एक काल क्रम में विराम लिया था।
क्षमा प्रार्थी हूँ।

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