Thursday, 3 August 2017

७० या ८० साल से बह रही भ्र्ष्टाचार -धारा और आवभगत करवा रहे ब्यभिचार स्वामी की तीन वर्षों में यह दुर्गति किसने सोची थी ?

No comments:

Post a Comment