Saturday, 19 August 2017


  • हमें शराब, जर्दा , नशा ,अश्लीलता , वैश्या और भ्र्ष्टाचार , ब्यभिचार , हिंसा के खरीद्दार या दलाल होने में शर्म क्यों नहीं आती ?

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