Friday, 6 February 2015

मदारी अपना चोला बदलता फिरता
बदलता रहता अपने बन्दर का नाम
जमूरे, तुमतो नाम चोला दौनों बदलो
जैसे जैसे बदले, राजा , मंत्री औ संत्री
निजाम ,महल्ले भीड़ का रंग देखो बस
तमाशा दिखाते रहने के लिये जरूरी है
बने रहना और बोलना उन्हीं की जुबान
नहीं तो फंस जायेगा शिकारी के जाल 

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