रचना तो लगातार होती ही रहती है , यह एक सतत प्रक्रिया है , रचना के क्रम में कभी भी एकदम से कोई ठहराव या रुकावट पूरी तरह से आ ही नहीं सकता। प्रवाह लगातार चलता ही रहता है। निरंतर रचना ,परिवर्त्तन ,विकास ,बदलाव ही जीवन है।
मेहँदी का रचना एक बात है जीवन का रचना अलग ही चीज है। एक रचे तो हर बार एक से रंग , जीवन के रंग हर बार अलग।
मेहँदी का रचना एक बात है जीवन का रचना अलग ही चीज है। एक रचे तो हर बार एक से रंग , जीवन के रंग हर बार अलग।
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